प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के कंपोजिट ग्रांट में 40% कटौती, 65 हजार स्कूलों में 85 करोड़ रुपए का बजट घटा

प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पहली बार सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान के कंपोजिट ग्रांट में एक साथ 40 फीसदी कटौती की है।  यानि कुल 65 हजार स्कूलों में अब 85 करोड़ रुपए का बजट घट गया है। पहले एक प्राथमिक स्कूल को सालाना कंपोजिट फंड से 25 हजार रुपए मिलते थे। इस बार 13 हजार रुपए का बजट आबंटित किया है। यानी सीधे 12 हजार रुपए का फंड घटाया है।


बाड़मेर जिले में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी स्कूल करीब 5500 हैं। एक स्कूल को औसत 13 हजार के हिसाब से इन स्कूलों को करीब 71 करोड़ रुपए का बजट दिया है, वहीं करीब 66 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। औसत नामांकन के आधार पर शिक्षा विभाग हर साल स्कूलों में सुविधाएं व संसाधन मुहैया करवाने के उद्देश्य से बजट आबंटित करता है


इस कटौती से स्कूलों का संकट बढ़ गया है। हालांकि यह बजट जुलाई में सत्र शुरू होने पर दिया जाता है, लेकिन इस बार सत्र के 8 माह बाद राशि जारी की गई है। इतना ही नहीं पहले राशि सीधे संस्था प्रधानों के बैंक खातों में जमा होती थी। इस बार कंपोजिट की राशि पीईईओ के बैंक खातों में जमा की जा रही है। 


बजट आबंटन में भी सामने आई कई चौंकाने वाली गड़बड़ियां


चौंकाने वाली बात यह है कि शिक्षा विभाग ने सितंबर 2017-18 के स्कूल नामांकन के आधार पर कंपोजिट ग्रांट की राशि आबंटित की है। उदाहरण के तौर पर सैकंडरी स्कूल कर्जा में 279 का नामांकन है। कंपोजिट ग्रांट से 23 हजार रुपए जारी हुए है। वहीं सीनियर सैकंडरी स्कूल सूरा चारणान का नामांकन 489 है फिर भी बजट 23 हजार रुपए दिया गया है। कमोबेश यही स्थिति अन्य स्कूलों की है। नियमानुसार 101 से 250 नामांकन पर स्कूल को 50 हजार रुपए का प्रावधान है। 251 से अधिक नामांकन पर 40 फीसदी कटौती के बाद 40 हजार का प्रावधान है, जबकि सूरा चारणान को सिर्फ 23 हजार रुपए का बजट दिया है। इसी तरह अनेक स्कूलों में नामांकन के अनुपात में बजट जारी करने में गड़बड़ियां सामने आई हैं। 


इन कामों पर खर्च कर सकेंगे राशि


सरकारी स्कूलों में स्कूल कंपोजिट ग्रांट की राशि उपकरणों की मरम्मत, दरी खरीद, ब्लैक बोर्ड मरम्मत, ग्रीन बोर्ड, आदमकद शीशा, कर्मचारियों के फोटोयुक्त विवरण, चॉक-डस्टर, परीक्षा स्टेशनरी, बिजली व पेयजल, विज्ञान-गणित किट, प्रतियोगिताओं के आयोजन, खेल सामग्री, शिक्षण-अधिगम सामग्री, इंटरनेट व अन्य छात्रहित कामों पर खर्च कर सकेंगे।


नामांकन के आंकड़ें 2017-18 के आधार पर राशि जारी की है


सीडीईओ बाड़मेर डालूराम चौधरी ने बताया कि इस बार स्कूलों के कंपोजिट ग्रांट में सरकार ने कटौती की है। नामांकन के आंकड़ें 2017-18 के आधार पर राशि जारी की है। इस बार देरी जरूर हुई है, लेकिन यह मामला सरकार स्तर का है।


स्कूलों की सरकार अनदेखी कर रही है
शिक्षक संघ सनाढ्य के प्रदेश उपाध्यक्ष पृथ्वीसिंह महेचा ने बताया कि योजनाओं में बजट की कटौती तो समझ में आती है, लेकिन पहली बार स्कूलों के फंड में एक साथ 40 % कटौती कर दी। पहले जिस स्कूल को सालाना 25 हजार  मिलते थे, उसे अब  सिर्फ 13 हजार रुपए का बजट दिया है। 


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